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नेपाल देश वह प्राचीन भूमि है जहाँ आदरणीय भगवान शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म हुआ था, और यहीं पर इन आदरणीय बौद्ध भिक्षुणी, मानवतावादी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध गायन के सितारे आनी चोयिंग ड्रोलमा का भी जन्म हुवा है।
13 साल की उम्र में उन्होंने नेगी गोम्पा भिक्षुणियों के गुम्बा में प्रवेश किया, जो काठमांडू घाटी के ऊपर एक पहाड़ियों पर स्थीत है। बौद्ध ध्यान, मंत्र, अनुष्ठान और संस्कार सीखते हुए वहाँ से उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। भिक्षुणियों के गुम्बा में, प्रमुख लामा रिनपोछे ने आनी चोयिंग के गायन के उपहार का पहचान किया और उन्हें पवित्र मंत्रों को सिखाया जो पारंपरिक रूप से गुरु से शीष्यों को प्राप्त होते हैं। आनी चोयिंग ने जल्द ही गायन में जुनून विकसित किया और उनकी जल्दी से मंत्र जप की गुरु में बढोत्तरी की गई।
13 साल की उम्र में उन्होंने नेगी गोम्पा भिक्षुणियों के गुम्बा में प्रवेश किया, जो काठमांडू घाटी के ऊपर एक पहाड़ियों पर स्थीत है। बौद्ध ध्यान, मंत्र, अनुष्ठान और संस्कार सीखते हुए वहाँ से उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। भिक्षुणियों के गुम्बा में, प्रमुख लामा रिनपोछे ने आनी चोयिंग के गायन के उपहार का पहचान किया और उन्हें पवित्र मंत्रों को सिखाया जो पारंपरिक रूप से गुरु से शीष्यों को प्राप्त होते हैं। आनी चोयिंग ने जल्द ही गायन में जुनून विकसित किया और उनकी जल्दी से मंत्र जप की गुरु में बढोत्तरी की गई।