खोज
हिन्दी
 

आत्माओं का पुनर्मिलन, ग्यारह भाग शृंखला का भाग ९

विवरण
और पढो
आप जानते हैं आत्मा की प्रकृति ऐसी नहीं है कि "मैं यहां हूं और मेरी यहां पर एक आत्मा है"- यह इस तरह नहीं होता है! मेरी आत्मा यहां होने की अपेक्षा बडी है। यह यहां हर जगह हो सकती है; यह पूरी मैं हो सकती हूं, किंतु यह भिन्न दिखाई देती है। यह ऐसा नहीं है, ठीक है, "ईश्वर एक है ओैर हरकोई ईश्वर के साथ एकाकार है"- इसका अर्थ यह नहीं है। इसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति की आत्मा महान हो सकती है जो अनेक तथाकथित शरीरों में सम्मिलित हो सकती है। अतः हमारी पहचान एक दूसरे से हो सकती है।
और देखें
सभी भाग (9/11)
1
ज्ञान की बातें
2020-10-26
3893 दृष्टिकोण
2
ज्ञान की बातें
2020-10-27
2875 दृष्टिकोण
3
ज्ञान की बातें
2020-10-28
3125 दृष्टिकोण
4
ज्ञान की बातें
2020-10-29
2632 दृष्टिकोण
5
ज्ञान की बातें
2020-10-30
2815 दृष्टिकोण
6
ज्ञान की बातें
2020-11-09
3391 दृष्टिकोण
7
ज्ञान की बातें
2020-11-10
3435 दृष्टिकोण
8
ज्ञान की बातें
2020-11-11
3837 दृष्टिकोण
9
ज्ञान की बातें
2020-11-12
3500 दृष्टिकोण
10
ज्ञान की बातें
2020-11-13
3168 दृष्टिकोण
11
ज्ञान की बातें
2020-11-14
3969 दृष्टिकोण