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“अपनी शक्तियों को मानव जाति के आत्मज्ञान की ओर निर्देशित करें। मुझे प्रेम करें- परमानंद आएगा जैसे भोर आता है। अपने ह्रदय को परोपकार के माध्यम से खोलें। आपको एक नया जीवन बनाने के लिए संसाधन खोजने होंगे। आपस में सामंजस्य हमारे द्वारा सबसे अधिक पोषित परिणाम लाता है।"