विवरण
डाउनलोड Docx
और पढो
यह बहुत ही भयावह लगता है, जब हम उस कहानी के आधार पर इसे देखते हैं कि ईश्वर हमारे प्रति उसी तहर का व्यवहार करत हैं, जैसा हम पूरी सृष्टि के साथ कर रहे हैं। इसलिए यदि हम इस क्रूरता का समर्थन कर रहे हैं और इसमें भाग ले रहे हैं और इसका उपभोग कर रहे हैं, तो हम सफलता के लिए खुद को स्थापित नहीं कर रहे हैं, उस में एक ऊर्जा होती है, और यहूदियों को यह समझना चाहिए कि हम वही बन जाते हैं जिसे हम अधिक खा रहे हैं।