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हर दिन मैं प्रार्थना करती हूं। मैं हर दिन आभारी हूं और प्रार्थना करती हूँ कि मैं अपना मिशन अच्छी तरह करूँ, स्वर्ग की योजना के अनुसार- कि मैं उससे नहीं गिरूं, कि मैं संसार के कर्मों या दुनिया के प्रभाव, या जो कुछ भी हो सकता है उससे गुमराह नहीं होऊँगी। (जी हाँ, मास्टर।) हर दिन आपको अपने आपको अक्षत रखने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। (जी हाँ, मास्टर।) क्योंकि दुनिया आपको हो सकती है चारों ओर के कार्मिक प्रभाव द्वारा नीचे खींच सकती है।