विवरण
डाउनलोड Docx
और पढो
कल ही मैंने एक आदमी को डांटा था क्योंकि उसने एक पेड़ काटा था। मेरे पास हर चीज़ के लिए एक कारण है। […] यदि प्रत्येक व्यक्ति एक कार पार्क करे और एक पेड़ काटे, तो क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि शिष्यों और कारों की संख्या के साथ यह जंगल कितने समय तक टिकेगा? दो सप्ताह भी नहीं। हर कोई जहां चाहता है वहां आता है और पार्क करता है। और फिर उसे अपनी नाक के सामने वाला पेड़ पसंद नहीं आता और वह इसे काट देता है। और यह मेरा आरा भी तोड़ देता है। मुझे इस पर यक़ीन नहीं हो रहा। और ऐसा व्यक्ति भी मेरा शिष्य होने का दावा करता है। कैसे? आप मेरी शिक्षा के योग्य कैसे होते हो? जब हम ऐसा कुछ करते हैं, तो यह बस पेड़ ही महत्वपूर्ण नहीं है। यह गलती नहीं है, यह हमारा आध्यात्मिक स्तर है। हमारा अभ्यास बहुत कम है, और कर्म बहुत भारी है। यही कारण है कि लोग हमें पसंद नहीं करते। हमारे आध्यात्मिक स्तर के कारण, किसी पेड़ के कारण नहीं। यह तो हमारे अन्दर से ही लीक हो रहा है। हम जो कुछ भी करते हैं, वह अधिकतर अंदर से ही होता है। […]लेकिन हमें जीवन और दैनिक जीवन में हर क्रिया द्वारा अपनी आंतरिक बुद्धि का प्रदर्शन करना चाहिए। इसी से लोग जान पाते हैं कि आप बुद्धिमान हैं या नहीं। लोग जानते हैं कि आप सचमुच अभ्यास करते हैं या नहीं, आप प्रगति करते हैं या नहीं। अन्यथा, आप बहुत सी चीजों का बखान कर सकते हैं। आप अपनी भक्ति दिखाने के लिए मेरी सभी तस्वीरें अपनी छाती, अपने बालों, अपने पैरों और अपने हाथों पर, हर जगह लटका सकते हैं, लेकिन इससे कोई भी मूर्ख नहीं बन पाएगा यदि आपके कार्य, आपकी वाणी और आपके विचार इतने निम्न और हानिकारक हैं। […]मैं सपने नहीं देखती, लेकिन उस दिन मैंने सपना देखा। […] मैं नहीं जानती कि साँप(-जन) कैसे चलता है, लेकिन मुझे सपने में ऐसा लगा कि वह चल रहा है। खैर, मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो पाया कि उसका पूरा शरीर घायल और सूजा हुआ था, केवल पूंछ वाले हिस्सा को छोड़कर। और मेरा दिल बहुत टूट गया था। तो, मुझे पता था। और मेरा दिल इतना टूट गया कि मैं उसके सामने घुटनों के बल बैठ गई। मैंने कहा, “कृपया, मत मरो। मुझे अपनी जगह मरने दो।” और मैं उनके लिये रोई। मैं सचमुच उनके लिए मरना चाहती थी। […] मैंने कहा, “ऐसा कैसे?” यह कितनी अजीब बात है। यदि आप अपने प्रियजन या किसी व्यक्ति के लिए मरना चाहते हैं, तो आप समझ सकते हैं, लेकिन एक साँप (-जन) के लिए! इन बातों के बारे में किसने सुना है? यह इतना अजीब सपना कैसे है?” तो परिचारिका ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि आप सदैव प्रेम से भरे रहते हैं।" तो स्वप्न में भी, यहाँ तक कि साँप(-जन) के लिए भी, आप इस प्रकार का दृष्टिकोण व्यक्त करते हैं और इस प्रकार की मानसिक दृष्टिकोण रखते हैं।” तो मुझे उस परिचारक के माध्यम से ज्ञान प्राप्त हुआ। […]Photo Caption: अप्रिय भूमि की परवाह मत करो, इससे विकसित होकर जीवन में ऊंचाई पाओ!