विवरण
डाउनलोड Docx
और पढो
“वास्तव में सभी चीजें आपके भीतर निरंतर आधे आलिंगन में चलती हैं, वांछित और भयानक, प्रतिकूल और पोषित, पीछा किया हुआ और वह जिससे भीतर आप बच जाएँगे। ये चीजें आपके भीतर रोशनी और छाया में जोड़े के रूप में चलती हैं जो चिपके रहते हैं। और जब छाया फीकी पड़ जाती है और अधिक नहीं रहती है, तो प्रकाश जो टिका रहता है दूसरे प्रकाश की छाया बन जाता है। और इस प्रकार आपकी स्वतंत्रता जब अपनी बेड़ी खो देती है स्वयं एक बड़ी स्वतंत्रता की बेड़ी बन जाती है।"