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"अपने अभ्यास, शब्दों और कार्यों में निष्ठावान बनें। आप कृपामयी महसूस करेंगे! उसका आशीर्वाद हमेशा धरती पर सभी जीवों पर बरसता है। इसके लिए कहना बेकार है। निष्ठापूर्वक ध्यान का अभ्यास करें और आप उसकी अनंत कृपा समझेंगे। ईश्वर ईमानदारी, सत्यता और प्रेम चाहते हैं। बाहरी मौखिक परवाह उसे स्पर्श नहीं करता है।"