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पक्षियों की अद्भुत क्षमताएँ, भाग 2 का 2

विवरण
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दोनों बच्चे और मानव शिशु अपने माता-पिता की आवाज़ सुनकर अपने दिमाग में ध्वनि टेम्पलेट्स का निर्माण करते हैं। फिर वे निरर्थक आवाज़ करके अपनी मुखर मांसपेशियों को मजबूत करना शुरू करते हैं। अंतिम चरण में, युवा पक्षी हजारों बार एक ही धुन का अभ्यास करेंगे और इसकी तुलना उस टेम्पलेट से करेंगे, जिसे वे तब तक याद करते हैं जब तक कि वे एक परिपूर्ण मैच हासिल नहीं कर लेते।
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